शांति दूत
डॉ अरुण कुमार शास्त्री, एक अबोध बालक, अरुण अतृप्त
अमन के रखवाले हैं हम
शांति के दूत ।।
दुश्मनी करना काम नही
प्यार के सपूत ।।
तिरछी आंख से न देखना
सीधे सीधे बात करो ।।
जलजलों में रहते हैं
चाहो तुम भी साथ चलो ।।
न छेड़ा है न छेड़ेंगे
बात होगी सरहद की
तो हम न छोड़ेंगे ।।
अपनी तरफ से हम कोई
फ़साद खड़ा करते नहीं ।।
तुम ने किया अगर तो
हरगिज़ न हम छोड़ेंगे ।।
प्राकृति के संसाधन हम
इस्तेमाल किया करते ।।
योजनाओं को देश की
हम परवाज़ दिया करते ।।
तूफ़ान या झंझावात कोई
भी हों हालात
हम करते मुकाबला डट कर
कौम के लिये तो हम
कफ़न बांध कर रखते हैं
अमन के रखवाले हैं हम
शांति के दूत ।।
दुश्मनी करना काम नही
प्यार के सपूत ।।
तिरछी आंख से न देखना
सीधे सीधे बात करो ।।
जलजलों में रहते हैं
चाहो तुम भी साथ चलो ।।