Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2023 · 1 min read

सियासत

सियासत

देखो कैसा गदर मचा है, सत्ता को हथियाने की
सबको लगता सही समय, शतरंजी गोट बिछाने की।
अभी नहीं तो कभी नहीं फिर, अवसर नहीं गंवाने का
दुश्मन को भी गले लगाओ, दमखम अभी दिखाने का।
जाति धर्म की चासनी में, शब्द डुबोए जाते हैं
शर्म हया सब ताक पर रख, दांव लगाए जाते हैं।
छल कपट लोभ को अस्त्र बना, लोग बहकाए जाते हैं
दे लोभ भिन्न-भिन्न वर्गों को, उनके वोट जुटाए जाते हैं।
जाति धर्म का वास्ता दे, सौगंध खिलाए जाते हैं
नहीं सुना तो हिंसा व्यापक, कत्ल कराए जाते हैं।
खूब गालियां दिन भर चलतीं, रात बैठ कर पीते हैं
मंत्री बनने की लगी होड़ जब, दाम लगाए जाते हैं।
अब भी ‘बांटो और राज करो’, सभी मंत्र यह रटते हैं
संविधान, स्वतंत्रता, लोकतंत्र, नई परिभाषा गढ़ते हैं।
झूठे सपनों के चित्र दिखाकर, जनता को भरमाते हैं
घूम घूम कर घर-घर दिन भर, उनके वोट पटाते हैं।
जीत गए जब बने मिनिस्टर, तब कहां क्षेत्र में जाते हैं?
भोली जनता की पहुंच कठिन, ‘मंत्री जी व्यस्त’ बताते हैं।
कारी कोठरी अजब-गजब, सियासत क्या इसको कहते हैं?
किस पर जनता विश्वास करे, रंगे सियार जब मिलते हैं!
**********************************************************
–राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, मौलिक/स्वरचित।

1 Like · 200 Views
Books from Rajendra Gupta
View all

You may also like these posts

🙅सोचिए ना जी🙅
🙅सोचिए ना जी🙅
*प्रणय*
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
झंझा झकोरती पेड़ों को, पर्वत निष्कम्प बने रहते।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कुछ-न-कुछ तो करना होगा
कुछ-न-कुछ तो करना होगा
कुमार अविनाश 'केसर'
ସେହି ଲୋକମାନେ
ସେହି ଲୋକମାନେ
Otteri Selvakumar
भक्षक
भक्षक
Vindhya Prakash Mishra
संतुष्टि
संतुष्टि
Dr. Rajeev Jain
सात रंगों से सजी संवरी हैं ये ज़िंदगी,
सात रंगों से सजी संवरी हैं ये ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम
हम
हिमांशु Kulshrestha
3111.*पूर्णिका*
3111.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
धिक्कार
धिक्कार
Dr. Mulla Adam Ali
मोदीजी का यू.ए.ई दौरा
मोदीजी का यू.ए.ई दौरा
Nitesh Shah
माॅ प्रकृति
माॅ प्रकृति
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सत्य की खोज
सत्य की खोज
लक्ष्मी सिंह
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सितारे  अभी  जगमगाने  लगे।
सितारे अभी जगमगाने लगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
#स्मृतिमंजूषा से दो मोती
#स्मृतिमंजूषा से दो मोती
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मैं खुद से ही खफा हूं ..
मैं खुद से ही खफा हूं ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
गौमाता
गौमाता
Sudhir srivastava
एक और परीक्षा बाकी है।
एक और परीक्षा बाकी है।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
अच्छा लिखने की तमन्ना है
अच्छा लिखने की तमन्ना है
Sonam Puneet Dubey
बचपन की यादें
बचपन की यादें
Anamika Tiwari 'annpurna '
𑒔𑒰𑒙𑒳𑒏𑒰𑒩𑒱𑒞𑒰,𑒢𑒱𑒖 𑒮𑓂𑒫𑒰𑒩𑓂𑒟,𑒢𑒱𑒖 𑒨𑒬𑒑𑒰𑒢 𑒂 𑒦𑒹𑒠𑒦𑒰𑒫 𑒏 𑒖𑒰𑒪 𑒧𑒹 𑒅𑒗𑒩𑒰𑒨𑒪 𑒧𑒻
𑒔𑒰𑒙𑒳𑒏𑒰𑒩𑒱𑒞𑒰,𑒢𑒱𑒖 𑒮𑓂𑒫𑒰𑒩𑓂𑒟,𑒢𑒱𑒖 𑒨𑒬𑒑𑒰𑒢 𑒂 𑒦𑒹𑒠𑒦𑒰𑒫 𑒏 𑒖𑒰𑒪 𑒧𑒹 𑒅𑒗𑒩𑒰𑒨𑒪 𑒧𑒻
DrLakshman Jha Parimal
"इतिहास"
Dr. Kishan tandon kranti
चाहता हूं
चाहता हूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
अधरों ने की  दिल्लगी, अधरों  से  कल  रात ।
अधरों ने की दिल्लगी, अधरों से कल रात ।
sushil sarna
"Make sure that wherever you’re at in life, you don’t treat
पूर्वार्थ
Loading...