Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2023 · 1 min read

शहीद

अरे, पगली रोती क्यों?
मैं तो तेरे पास खड़ा।
तेरे सांसों में बसा में,
जिन्दा हू तेरे यादों में,
पहले तो दुर रहता भी था,
पर अब हर घड़ी तेरे पास हु मैं।
देख आंसु ना बहा,
ठेस पहुंचाती है मेरे दिल को।
तुम्हें कहां छोड़ा , छोड़ा तो मैंने जग को है,
फिर तु रो क्यों रही?
मैं बिना अमृत पाये,
अमर हुआ,
और छोड़ रीति इस जग कि,
अपने मां कि आंगन में खेल रहा।
क्या इतनी खुदगर्ज तु,
जो शोक मना रही इस बात का?
देख मैं अम्बर का वह तारा,
कितनी ऊंचा पद मेरा अब,
क्या तु खुश नहीं,
मेरी पदोन्नति से?
देख रो के नहीं,
हंस के कर तु मुझे विदा।
वस्त्र पहन तु आज मेरी पसंद कि,
भोजन भी हो मेरी पसंद कि,
मेरे जलते चिता के सामने,
तू आना सोलह श्रृंगार करके।
तु रो नहीं पगली,
कमजोर हो जाउंगा मैं।

Language: Hindi
2 Likes · 209 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
gurudeenverma198
एक सफल प्रेम का दृश्य मैं बुन रहा।
एक सफल प्रेम का दृश्य मैं बुन रहा।
Abhishek Soni
"पैमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
■ जय हो...
■ जय हो...
*प्रणय*
मुझे अपने हाथों अपना मुकद्दर बनाना है
मुझे अपने हाथों अपना मुकद्दर बनाना है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"माँ का आँचल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
प्रतिशोध
प्रतिशोध
Shyam Sundar Subramanian
" चलो उठो सजो प्रिय"
Shakuntla Agarwal
सुनहरे सपने
सुनहरे सपने
Shekhar Chandra Mitra
हर रात जब आँखें नींद से उठ जाती हैं,
हर रात जब आँखें नींद से उठ जाती हैं,
Vishal babu (vishu)
4498.*पूर्णिका*
4498.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भाग्य
भाग्य
Rajesh Kumar Kaurav
लक्ष्मी
लक्ष्मी
Bodhisatva kastooriya
शायद जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण स्वयं को समझना है।
शायद जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण स्वयं को समझना है।
पूर्वार्थ
लौट कर वक्त
लौट कर वक्त
Dr fauzia Naseem shad
तुझे किस बात ला गुमान है
तुझे किस बात ला गुमान है
भरत कुमार सोलंकी
उम्रें गुज़र गयी है।
उम्रें गुज़र गयी है।
Taj Mohammad
अमावस का चाँद
अमावस का चाँद
Saraswati Bajpai
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
छठ पूजा
छठ पूजा
Satish Srijan
*आइए स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें (घनाक्षरी : सिंह विलोकित
*आइए स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें (घनाक्षरी : सिंह विलोकित
Ravi Prakash
नही आवड़ै
नही आवड़ै
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
*चैतन्य एक आंतरिक ऊर्जा*
*चैतन्य एक आंतरिक ऊर्जा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ओढ दुशाला श्याम का, मीरा आर्त पुकार
ओढ दुशाला श्याम का, मीरा आर्त पुकार
RAMESH SHARMA
सवाल
सवाल
Manisha Manjari
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
Atul "Krishn"
✍️ रागी के दोहे ✍️
✍️ रागी के दोहे ✍️
राधेश्याम "रागी"
बेटी
बेटी
Akash Yadav
कुछ राहें ऐसी भी ...
कुछ राहें ऐसी भी ...
MUSKAAN YADAV
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
Neelam Sharma
Loading...