शहीद निखिल धोबी
शहीद निखिल धोबी
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पर्वत बनकर खड़ा रहा
वेग बनकर उमड़ रहा
सागर जैसी गहराई लेकर
आंदोलन भूमि पर अड़ा रहा
भीम पुत्र था भीम मिशन का
शुभचिंतक था संविधान का
अपने सपनों के लिए लड़ने वाला
शुभचिंतक था स्वाभिमान का
मनुवादियों की मस्ती ने
आंख उठाए दलितों की कश्ती में
बन माझी नाव चलाएं
दो अप्रैल की हस्ती में
भैया तेरी शहादत मेरी जान है
तेरे बदौलत मेरा स्वाभिमान है
सबको श्रद्धा फुल चढ़ाता हूं
जिनके कारण आज सुरक्षित संविधान है
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ऋषि कुमार ‘प्रभाकर’