शहीद और उसका परिवार
शहीद और उसके परिवार की व्यथा
आई थी अर्थी हृदय विदारक कथा
मां थी फूट-फूटकर रोती
बेटे का चेहरा निहारती
हाथ बालों पर फेरती
उसके मस्तक को चूमती।
नवेली दुल्हन दरवाजे से झांकती
अपने शौर्य का शव ताकत
अपनी हिना को बार-बार देखती
चूड़ी वाली कलाई से चूड़ी उतारती।
पिता अंदर से रोता ऊपर से छुपाता हैं
शहीद बेटे के आगे जय हिंद गाता है
गर्व से सीना उसका चौड़ा होता हैं
बेटे की शौर्य की कहानी सुनाता है।
तिरंगे में लिपटा सजा कर
पूरे गांव का चप्पा घुमा कर
बचपन की गलियां दिखाकर
बेटा है अपने अंतिम पड़ाव पर।
तोपों की मिल रही सलामियां
धरा गा रही गर्व की कहानियां
आंखें नम पर दिल में देशभक्ति
देख उसका शौर्य अद्भुत शक्ति।
वीर जो होता देश पर कुर्बान
करोड़ों देशवासियों की वह जान
सभी को उस पर बहुत अभिमान
वह होता है देश की आन बान शान।
__चारूमित्रा, रांची (झारखंड)