शहीद ( अमरीश ) ::::::::::::???? 16 साल बाद
माफ करना मां,मै तुझे फीर से,
रुलाने आ गया।
तेरे दिल में मुझे,अंतिम बार मिलने,
की तमन्ना थी, मै 16 साल बाद उसे,
फीर से पूरा करने आ गया।
कर्ज था तेरा मां ,तूने जन्म दिया।
कर्ज है धरती मां का जो मुझे,
मृत ही सही फिर मेरी मां से,
मिलवा दिया।
माफ करना मां तुझे,
फीर से रुलाने आ गया
इस शहीद सपूत को मेरी ओर से
सत सत नमन ??????