शहीदों को नमन
यौवन के सुख छोड़ तिरंगे में जो लिपटे आते हैं।
ऐसे वीर जवानों को हम नित-नित शीश झुकाते हैं।।
लेकिन सीमा पर कब तक ये क्रम दोहराया जायेगा।
सिंहासन पर बैठे अब तक क्यों नहीं बिगुल बजाते हैं।।
यौवन के सुख छोड़ तिरंगे में जो लिपटे आते हैं।
ऐसे वीर जवानों को हम नित-नित शीश झुकाते हैं।।
लेकिन सीमा पर कब तक ये क्रम दोहराया जायेगा।
सिंहासन पर बैठे अब तक क्यों नहीं बिगुल बजाते हैं।।