शहीदों के नाम
अमर शहीदों पर शब्दों के दो फूल चढ़ाते हैं,
आओ 15अगस्त मनाते हैं,
हँस हँस कर जो मातृभूमि पर अपना सीस चढ़ाते हैं,
अमर शहीदों…
लड़ने वाले ने क्या खूब लड़ा, चंद्रशेखर और भगत सिंह कोई बोस कहाते हैं,
अमर शहीदों पर…
हूं नतमस्तक उन मां के बीरो पर
जो पुलवामा के शरहद पर कट जाते हैं,
अमर शहीद पर…
हम क्या जाने उस विधवा की पीड़ा
जिसका पति शरहद पर मर जाते हैं,
अमर शहीद पर….
कौन जवाब दे उस नन्हें बालक को
पूछता मां से तिरंगे में कौन लिपट के आते हैं
अमर शहीदों पर…..
किया कुरवान जीवन को जिसने इस धरा पर
उसकी गाथा गाते हैं
अमर शहीदों पर शब्दों के दो फूल चढ़ाते हैं
आओ 15अगस्त मनाते हैं।