शहादत
मर मिट गए जो वतन की आबरू बचाने में,
थे वे शेर जो पैदा हुए हिन्दुस्तानी घरानों में,
शहादत की कहानी से रगों में खून ना दौड़े,
ये मुम्किन होता नहीं इन पचहत्तर सालों में,
मर मिट गए जो वतन की आबरू बचाने में,
थे वे शेर जो पैदा हुए हिन्दुस्तानी घरानों में,
शहादत की कहानी से रगों में खून ना दौड़े,
ये मुम्किन होता नहीं इन पचहत्तर सालों में,