Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2024 · 1 min read

शहर में छाले पड़ जाते है जिन्दगी के पाँव में,

शहर में छाले पड़ जाते है जिन्दगी के पाँव में,
सुकून का जीवन बिताना है तो आ जाओ गाँव में.

101 Views

You may also like these posts

माॅं के पावन कदम
माॅं के पावन कदम
Harminder Kaur
श्रीराम स्तुति-वंदन
श्रीराम स्तुति-वंदन
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
बेटा तेरे बिना माँ
बेटा तेरे बिना माँ
Basant Bhagawan Roy
भावात्मक
भावात्मक
Surya Barman
यादो की चिलमन
यादो की चिलमन
Sandeep Pande
"अगर "
Dr. Kishan tandon kranti
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बी पी शुगर बढा रहे बीबी के कुछ बोल
बी पी शुगर बढा रहे बीबी के कुछ बोल
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
श्री राम
श्री राम
Aruna Dogra Sharma
My Guardian Angel!
My Guardian Angel!
R. H. SRIDEVI
* सुखम् दुखम *
* सुखम् दुखम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
Ravi Prakash
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Education
Education
Mangilal 713
sp121 ढोलक
sp121 ढोलक
Manoj Shrivastava
*शाश्वत सत्य*
*शाश्वत सत्य*
Shashank Mishra
नव वर्ष मंगलमय हो
नव वर्ष मंगलमय हो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
😢कड़वा सच😢
😢कड़वा सच😢
*प्रणय*
मन पर मन को मन से मिलाना आसान होगा
मन पर मन को मन से मिलाना आसान होगा
भरत कुमार सोलंकी
Preschool Franchise
Preschool Franchise
Alphabetz
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
VEDANTA PATEL
मेरे हाथों में प्याला है
मेरे हाथों में प्याला है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना।
श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना।
Abhishek Soni
कुंडलिनी
कुंडलिनी
Rambali Mishra
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
इन्सान पता नही क्यूँ स्वयं को दूसरो के समक्ष सही साबित करने
Ashwini sharma
सावन के झूलों पे, पूछे सखियाँ
सावन के झूलों पे, पूछे सखियाँ
gurudeenverma198
इन्साफ की पुकार
इन्साफ की पुकार
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
मैं भी साथ चला करता था
मैं भी साथ चला करता था
VINOD CHAUHAN
ख्वाईश
ख्वाईश
Mansi Kadam
द्वापर में मोबाइल होता
द्वापर में मोबाइल होता
rkchaudhary2012
Loading...