शहर मुरादाबादI
नब्बे मील दूर बरेली से,
एक शहर है मुरादाबाद,
एक दिन के लिए मैं आया था,
यहां अपने भाई के पास,
अंदेशा ज़रा भी था नहीं,
कि लॉक डाउन के होंगे हालत,
अच्छा समय था बीता वहां,
पुरानी यादों से हुई मुलाकात,
पहले भी कुछ महीनों के लिए,
इस शहर में मैं रहता था,
दोबारा कभी ना आऊंगा यहां,
ख़ुद से मैं अक्सर कहता था,
फ़िलहाल तो वहां कोई हमारा नहीं,
पर उन यादों के बिना अब गुज़ारा नहीं,
बयां उन यादों को करते हुए,
क्या कहूं मैं और,
बड़ी सहजता से बीत गया,
लॉक डाउन का मुश्किल दौर,
दुआ निकलेगी ये दिल से हमेशा,
मैं जब भी करूंगा याद,
हर मौसम में आबाद रहे “अंबर”,
शहर ये मुरादाबाद I
कवि-अंबर श्रीवास्तवI