शहरो की सड़को पे दर्द तड़पता हैं
शहरो की सड़को पे दर्द तड़पता हैं
कातिल वारों के घावों से चीखता हैं..!..!
चिल्लाकर शोर मचता हैं..
ख़ामोश रातो में सोते हुए रोता हैं..!!
बेहद तड़पता शहर अपनी दास्तां बयान करता हैं !
अंधेरों को महसूस करना भूल गया हैं…
शोर शराबे में दम घुटता हैं…
ये… शहर सड़को के ज़रिए हांले तमाम सुनाता हैं..
पल भर की शांति के लिए तड़पता हैं…!..!
रातों को सड़को के जरिए… अपना हाल बताता हैं..
शहरो की सड़को पे दर्द तड़पता हैं..!!!!