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7 Apr 2018 · 1 min read

शहनाई

प्रदत्त शब्द-# शहनाई
विद्या- गीत
बोली-मारवाड़ी
दिन- शनिवार
दिनांक- ७-४-१८

शहनाई

(१)

*आंगणियां बाजे शहनाई-शहनाई……

बनी * बींदणी विरह, विरहिन की,गूंजी * हिबड़ा मधुर शहनाई,

छम -छम नाचे मन की मोरणी,रे जैसे *बिरखा सुखद बरसाई।

आंगणियां बाजे शहनाई-शहनाई,आंगणियां बाजे शहनाई…….

(२)

ज्वलंत विरह से मिली है मुक्ति, होगा हर पल-क्षण सुखदाई,

देखो अभागन *बणी सुहागन, है जागी कान्हा मन करुणाई।

आंगणियां बाजे शहनाई-शहनाई,आंगणियां बाजे शहनाई…….

(३)

पिया मिलन के *चाव संजोए, *बणकै बसंती, उमंग हर्षाई,

पतझड़ रूपी,रूखे उपवन में, प्रीति बन बहार आज छाई।

आंगणियां बाजे शहनाई-शहनाई,आंगणियां बाजे शहनाई…….

(४)

बिंदिया- *बोरला,बिलिया-बंगड़ी,छम छम पैंजनिया छमकाई,

शरद चंद्र ने आके धरा पे,गौरी को, तारों जड़ित चुनरिया *उढाई।

आंगणियां बाजे शहनाई-शहनाई,आंगणियां बाजे शहनाई…….

(५)

दुखद दिवस बिसार *भायली,है रुत पीया मिलन की आई,

सुखद स्मृतियां महंकेंगी सजन संग,सुन,तेरे भी अंगनाई……..

आंगणियां बाजे शहनाई-शहनाई,आंगणियां बाजे शहनाई…….

(६)

तात-मात,भाई,बहन, प्रियजन, मिल मंगल *बधावो गाई,

सदा-सौभाग्य डोली में ‘नीलम’,आज होगी सहर्ष विदाई।

आंगणियां बाजे शहनाई-शहनाई,आंगणियां बाजे शहनाई…….

नीलम शर्मा

सरलार्थ

*आंगणियां- आंगन, बींदणी-दुल्हन,हिबड़ा- हृदय,बिरखा-वर्षा,
बणी-बनी,चाव-उत्साह,बोरला- मांग का जेवर,बिलिया- प्लास्टिक की चूड़ियां,बंगड़ी- सोने की चूड़ियां,उढाई-ओढाना,भायली-सखी,बधावो- बधाई गीत।

Language: Hindi
Tag: गीत
590 Views
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