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15 Feb 2024 · 1 min read

शर्मनाक हरकत

दर्द की दास्तान देख देख
चंचल चर्चित चैनलों पर
निराशा की नदी में
आध्यात्मिक बौद्धिक पंडितों के
संस्कारित मन डूब गए
दामिनी के दर्द से दुखी
कलमकारो की असंख्य लखनी
आक्रोश के अंगारे आज भी उगल रही है
अतीत और भविष्य के केंद्र में
अपराध की क्रूरतम स्मृति
जगा गई व्यवस्था परिवर्तन की
आगामी उम्मीदे

Language: Hindi
1 Like · 80 Views
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