Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Oct 2024 · 1 min read

शरीर जल गया, मिट्टी में मिल गया

शरीर जल गया, मिट्टी में मिल गया
जो कर्म किया था, अमिट हो गया
समझ न आया, चूक कहां हुई थी
जो पाया था, वो सब कहीं खो गया
_ सोनम पुनीत दुबे

1 Comment · 45 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
किसी की याद मे आँखे नम होना,
किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
फूल या कांटे
फूल या कांटे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बेटा तेरे बिना माँ
बेटा तेरे बिना माँ
Basant Bhagawan Roy
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
प्रेम रंग में रंगी बांसुरी भी सातों राग सुनाती है,
प्रेम रंग में रंगी बांसुरी भी सातों राग सुनाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुक्तक – शादी या बर्बादी
मुक्तक – शादी या बर्बादी
Sonam Puneet Dubey
*सुख-दुख में जीवन-भर साथी, कहलाते पति-पत्नी हैं【हिंदी गजल/गी
*सुख-दुख में जीवन-भर साथी, कहलाते पति-पत्नी हैं【हिंदी गजल/गी
Ravi Prakash
"Life has taken so much from me that I'm no longer afraid. E
पूर्वार्थ
राम नाम  हिय राख के, लायें मन विश्वास।
राम नाम हिय राख के, लायें मन विश्वास।
Vijay kumar Pandey
बड़े दिनों से चढ़ा है तेरे प्यार का नसा।
बड़े दिनों से चढ़ा है तेरे प्यार का नसा।
Diwakar Mahto
सत्य का संधान
सत्य का संधान
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोहे
दोहे
Suryakant Dwivedi
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शीर्षक – जीवन पथ
शीर्षक – जीवन पथ
Manju sagar
घर के आंगन में
घर के आंगन में
Shivkumar Bilagrami
शुभ रात्रि
शुभ रात्रि
*प्रणय*
मत रो मां
मत रो मां
Shekhar Chandra Mitra
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Meera Singh
साँझ पृष्ठ पर है लिखा,
साँझ पृष्ठ पर है लिखा,
sushil sarna
"दामन"
Dr. Kishan tandon kranti
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
कवि रमेशराज
दुश्मनों  को  मैं हुकार  भरता हूँ।
दुश्मनों को मैं हुकार भरता हूँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*अंतःकरण- ईश्वर की वाणी : एक चिंतन*
*अंतःकरण- ईश्वर की वाणी : एक चिंतन*
नवल किशोर सिंह
किस क़दर बेकार है
किस क़दर बेकार है
हिमांशु Kulshrestha
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
आसमाँ मेें तारे, कितने हैं प्यारे
The_dk_poetry
शिक्षा अपनी जिम्मेदारी है
शिक्षा अपनी जिम्मेदारी है
Buddha Prakash
'कांतिपति' की कुंडलियां
'कांतिपति' की कुंडलियां
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
कहमुकरियाँ हिन्दी महीनों पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
తేదీ
తేదీ
Otteri Selvakumar
Loading...