शरारत-नामा
देख देख कर बच्चा पलटन,
करती सा-रे-गा-मा।
रजनी नानी की गोदी में,
बैठे चंदा मामा।
नीचे आ जाने को सारा,
घर आवाज़ लगाता।
लेकिन नन्हीं सेना को यह,
बिल्कुल नहीं सुहाता।
भूख प्यास की चिंता कैसी,
जारी है हंगामा।
रजनी नानी की गोदी में,
बैठे चंदा मामा।
बीच-बीच में मेघा आकर,
अपनी अकड़ दिखाते।
लेकिन फ़न के माहिर मामा,
बार-बार मुस्काते।
मन करता है लिख दूं इस पर,
एक शरारत-नामा।
रजनी नानी की गोदी में,
बैठे चंदा मामा।
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– राजीव ‘प्रखर’
मुरादाबाद (उ० प्र०)