शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
आशिकों का इश्क़ में मर जाना काम है
दोनों पे अख्तियार हो के कम ही जरा चढ़े
संभल के हर हाल में घर जाना काम है
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
शराब हो या इश्क़ हो बहकाना काम है
आशिकों का इश्क़ में मर जाना काम है
दोनों पे अख्तियार हो के कम ही जरा चढ़े
संभल के हर हाल में घर जाना काम है
-सिद्धार्थ गोरखपुरी