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17 Jul 2024 · 1 min read

शराब नहीं पिया मैंने कभी, ना शराबी मुझे समझना यारों ।

शराब नहीं पिया मैंने कभी, ना शराबी मुझे समझना यारों ।
दिल टूटा तो दर्द हुआ है , बस वही ब्याँ किया यारो ।।
हमारी लिखावट को कभी दिल पर मत लेना तुम सब ।
मैं तो यूँ ही बचपन से बदनाम, आवारा, पागल, दीवाना हूँ यारो ।।
पर एकबात याद रखना हमारी, तुम भुलना मत इसे,
जो तुम्हें रोता छोड़कर बड़े मौज से सो सकता है न ।
वो कभी भी पूरे तन मन से अपने दिल से तेरा हो नहीं सकता है ।।
अगर ऐसा है मेरे भाई तो ये तेरा भ्रम है ।
कि उसको तुमसे मोहब्बत है ।।
कोई मोहब्बत नहीं है उसे तुझसे, कल सुबह उसकी आँखों में आँसू है भी ।
तो समझ लेना वो केवल एक दिखावा है, फरेब है, फिर से जाल बिछाने की ।।

लेखक :- डॉ० मनमोहन कृष्ण
तारीख :- 05/07/2024
समय :- 08 : 42 (सुबह)

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