शराफत में इसको मुहब्बत लिखेंगे।
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गज़ल
122……122……122……122
शराफत में इसको मुहब्बत लिखेंगे।
सदाकत में उल्फत इबादत लिखेंगे।
इज़ाजत अगर है इनायत लिखेंगे।
अधर से अधर पे मुहब्बत लिखेंगे।
जिसे दूर से हर कोई पढ़ सकेगा,
लबों पर ही ऐसी इबारत लिखेंगे।
तुम्हारे मेरे दरमियां कोई आए,
न ऐसी कोई अब मसा़फ़त लिखेंगे।
खुदाया न हो दूसरा कोई ‘प्रेमी’,
हुआ गर तो यारो कयामत लिखेंगे।
………✍️ सत्य कुमार ‘प्रेमी’