Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2020 · 1 min read

शरद पूर्णिमा

चाँद शरद जब चमकता , बरसे अमृत धार
प्रभू नाम की खीर से , पाये मानव सार

चन्दा सौलह कला से , जगा रहा उन्माद ,
हुलसी जाये देह जब , बढा रहा अवसाद

चाँद निशा से मिले जब , करे मगन हो रास
क्रीड़ा करते गगन में , करे मुदित मन हास

देख चाँद की कांति को , बाजे मनका तार
निखरे शोभा निशा की , पहन श्वेत हो हार

करे रमा उपवास जब , होती इच्छा पूर
मिले सभी वरदान तब , लागे मानस हूर

Language: Hindi
73 Likes · 394 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
नज्म- नजर मिला
नज्म- नजर मिला
Awadhesh Singh
सावन
सावन
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
फिर मुलाकात करेंगे ज़िंदगी से,
फिर मुलाकात करेंगे ज़िंदगी से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
बाघ संरक्षण
बाघ संरक्षण
Neeraj Agarwal
*आत्मविश्वास*
*आत्मविश्वास*
Ritu Asooja
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
घर छूटा तो बाकी के असबाब भी लेकर क्या करती
Shweta Soni
करने लगा मैं ऐसी बचत
करने लगा मैं ऐसी बचत
gurudeenverma198
कोशिशों  पर  यक़ी  करो  अपनी ,
कोशिशों पर यक़ी करो अपनी ,
Dr fauzia Naseem shad
बस जिंदगी है गुज़र रही है
बस जिंदगी है गुज़र रही है
Manoj Mahato
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ठंडक
ठंडक
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
रात घिराकर तम घना, देती है आराम
Dr Archana Gupta
Since morning
Since morning
Otteri Selvakumar
गाल बजाना ठीक नही है
गाल बजाना ठीक नही है
Vijay kumar Pandey
बहकते हैं
बहकते हैं
हिमांशु Kulshrestha
*जिंदगी* की रेस में जो लोग *.....*
*जिंदगी* की रेस में जो लोग *.....*
Vishal Prajapati
झुलस
झुलस
Dr.Pratibha Prakash
ग़ज़ल(चलो हम करें फिर मुहब्ब्त की बातें)
ग़ज़ल(चलो हम करें फिर मुहब्ब्त की बातें)
डॉक्टर रागिनी
विगत काल की वेदना,
विगत काल की वेदना,
sushil sarna
अतीत का अफसोस क्या करना।
अतीत का अफसोस क्या करना।
P S Dhami
माटी में है मां की ममता
माटी में है मां की ममता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
लब्ज़ परखने वाले अक्सर,
लब्ज़ परखने वाले अक्सर,
ओसमणी साहू 'ओश'
इच्छाएं.......
इच्छाएं.......
पूर्वार्थ
#सवाल_और_समाधान-
#सवाल_और_समाधान-
*प्रणय*
रमेशराज की जनकछन्द में तेवरियाँ
रमेशराज की जनकछन्द में तेवरियाँ
कवि रमेशराज
चलना है मगर, संभलकर...!
चलना है मगर, संभलकर...!
VEDANTA PATEL
स्मृति प्रेम की
स्मृति प्रेम की
Dr. Kishan tandon kranti
कपट
कपट
Sanjay ' शून्य'
3353.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3353.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Loading...