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17 Oct 2024 · 1 min read

शरद पूर्णिमा

मुक्तक
~~~~
शरद पूर्णिमा की निशा, खिले चांदनी श्वेत।
ऋतु परिवर्तन का यही, है प्रियकर संकेत।
खुशियां लेकर आ रहा, दीपों का त्योहार।
किन्तु साथ उत्साह के, रहना हमें सचेत।
~~~~
नैसर्गिक लगती हमें, धवल चांदनी रात।
जीवन में लाती सहज, स्नेह भरी सौगात।
आगे बढ़ जाते कदम, बढ़े आत्मविश्वास।
साथ निभाता चन्द्रमा, बन जाती है बात।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 1 Comment · 32 Views
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