शरद पूर्णिमा
चाँद अपने यौवन की डगर है
सौलह कलाओं से परिपूर्ण है
अमृत वर्षा हो रही किरणों से
माँ लक्ष्मै चली मिलने भक्तों से
आश्विन नक्षत्र में चाँद चमकता
धरा के सबसे पास है दिखता
माँ लक्ष्मै अवतरित हुई उदधि से
करो पूजा उनकी श्रद्धा भक्ति से
दिन है राधे कृष्ण के यह रास का
महत्व जानिए दिवस खास का
देख आसमां से यह चाँद विभोर
करने लगा है अमृत वर्षा जोर शोर
अवतरित हुए आदिदेव देवी के पुत्र
कार्तिकेय है उनके ऐसे महान सपूत
बाल्यकाल में घुटनों चले शरद ऋतु
हर्षित कर छोड़ चली वर्षा है ऋतु