#शब्द_सुमन
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■ जीवन की अगली पारी के लिए
उम्र में बड़े साले साहब श्रीयुत मुकेश भटनागर रतलाम रेल मंडल के कर्तव्य-निष्ठ अधिकारी के रूप में 31 मई को सेवानिवृत्त हो गए। विगत 25 मई को उनकी ओर से रेलवे केम्पस उज्जैन में आयोजित भव्य समारोह में सपरिवार भागीदारी कर अगली पारी के लिए शुभकामनाएं दीं। मन नहीं भरा तो 31 मई के लिए तैयार किया गया “शब्द-गुच्छ” समर्पित कर दिया। यह सम्मान था रिश्ते का, जिसकी अपनी एक अहमियत है। वैसे भी शब्दों का उपहार आज के “अर्थयुक्त लिफाफा युग” में केवल शव्दों का मोल समझने वालों को ही दिया जाता है। हर किसी को नहीं। बाक़ी के लिए तो मुरझाने वाले फूलों के गुलदस्ते बाज़ार में उपलब्ध हैं ही। बारम्बार बधाई, मिक्की भाई।।
😊प्रणय प्रभात😊
श्रीयुत् मुकेश जी भटनागर को
सेवानिवृत्ति के उपलक्ष्य में समर्पित
शुभकामना संदेश
★★★★★★★★★★★★
“निवृत्ति का अभिप्राय मुक्ति नहीं वरन एक नई व साहसिक चुनौती है।
वैचारिकता, विवेक-शीलता, जिजीविषा और दृढ़-इच्छाशक्ति की द्योतक व परिचायक भी।
सेवा से निवृत्ति यात्रा का अंत नहीं मध्य है।
गन्तव्यं नहीं अपितु एक पड़ाव। जहाँ एक अल्प-विराम के बाद आगे बढ़ना होता है।
मन्तव्य उन दायित्वों की पूर्ति, जो शेष रह गए। आवश्यकता होती है एक नवीन ऊर्जा, नूतन उमंग की।
ऊर्जा व उमंग के लिए अनिवार्य हैं जीवन-चर्या में कतिपय परिवर्तन और अपनों का सान्निध्य।
चिंतन, मनन, सृजन व स्वाध्याय आगे की यात्रा का अंग बनें यह संकल्प भी असाध्य नहीं।
सेवानिवृत्ति के उपरांत आरंभ होने वाला जीवन का नव अध्याय सेवाकाल से कहीं अधिक मूल्यवान है।
यही सोपान जीवन को नए आयाम देने वाला होता है।
जीवन के इस अनूठे कालांश में आप अपने व अपनों के लिए सहज उपलब्ध होते हैं।
इसी कालखण्ड में समाज व राष्ट्र से जुड़े सरोकार आपका आह्वान करते हैं।
सेवाकालीन अनुशासन और प्रतिबंधों से मुक्त उन्मुक्त जीवन सार्वजनिक क्षेत्र में सक्रिय नवाचार का आमंत्रण देता है।
आह्वान और आमंत्रण को सहर्ष स्वीकारना पुरुषार्थ भी है और जीवन की सार्थकता भी।
जीवन का यह उत्तरार्द्ध पूर्वार्द्ध से अधिक महत्वपूर्ण है।
यह एक सुअवसर है पूर्वार्द्ध में अर्जित व संग्रहित अनुभवों के वितरण व सम्प्रेषण का।
यही प्रक्रिया आपकी सामाजिक व सार्वजनिक स्वीकार्यता में सतत अभिवृद्धि का कारक बनती है।
आप उत्तम स्वास्थ्य व सर्वोत्तम सोच के साथ जीवन के उत्तरार्द्ध को परिवार, समाज व राष्ट्र के प्रति उपयोगी बनाएं।
आपकी सक्रिय व सकारात्मक सहभागिता विविध क्षेत्रों में आपकी प्रतिष्ठा व लोकप्रियता का विस्तार करे।
आप धर्म और मोक्ष की शाश्वत भावना के वशीभूत जीवन को कल्याणकारी बनाने में सफल हों।
आपके सुकृत्य आपके कृतित्व और व्यक्तित्व को आदर्श व प्रेरक बनाएं।
आपके लिए यही हैं हमारी हार्दिक भावनाएं व आत्मीय मंगलकामनाएं।
सादर…..।
-शुभाभिलाषी-
■प्रणय परिवार■
श्योपुर (म.प्र.)
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