“शब्द”
शब्द हँसाते है ,शब्द रुलाते है ,शब्द ही मन पर बड़े गंभीर बाण चलाते है।
अपनों को दूर ले जाते है पऱायों को पास लाते है।
शब्द ही है जो दुनिया में हमारी पहचान बनाते है ,कुछ तो शब्दों से ही दिलों में ज़गह बनाते है।
शब्द ही दुख के क्षणों में मन पर मऱहम लगाते है,और कभी नासमझी में ग़हरे घाव भी छोड़ जाते है।
शब्दों से ही लोग-लोंगो को छलते जाते है , कुछ बेईमान शब्दों के जाल बिछाकर बचा लिए जाते है।
शब्द ही है जो प्रेम में सेतू की भूमिका निभाते है, प्रेमियों में समर्पण के भाव जगाते है।
शब्द ही है जो जीवन में नवप्राण जगाते है ,माता और शिशु के पवित्र प्रेम को दर्शाते है।
शब्द ही है जो इच्छाओं को सशक्त बनाते है,शब्द ही है जो भावनाओं में हमारी मुस्कुराते है।
शब्द ही है जो जब ज़ुबां से निकल जाये,तो दुबारा लौटकर नही आते है।
शब्द ही है जो अंतस को चोट पँहुचाते है, शब्द अगर कड़वे हो तो जीवन भर भुलाये नही जाते है।
#सरिता सृजना