शब्द
शब्दों में जान होती है
टूटते दिलों की प्राण होती है
माधुर्य भाव हो गर शब्दों में
शब्द बांसुरी की तान होती है
शब्द संभाल कर बोलिये
हाँथ ना उसके पाव
पर घायल कर दे ऐसे की
कोई औषधि काम ना आये
हिम्मत हारते इंसान को
देती है अभिप्रेरणा
जीने की उम्मीद और
भर देती है प्रेरणा
कड़वे शब्द जैसे दिल को
छलनी कर जाते हैँ
वहीं मीठे भाव लिए शब्द
दवा दर्द की बन जाते हैं
शब्दों में जान होती है
टूटते दिलों की प्राण होती है
ममता रानी
झारखंड