शब्द
शब्द
शब्द घोल दें कान में, मिश्री सा मिष्ठान।
शब्द लगा दें आग भी, शब्दों को पहचान।।
शब्दों ने ही विगत में, करवाए संग्राम।
शब्द शांति वाहक बने, दिया अमन पैगाम।।
शब्द भावना व्यक्त कर, करते सही बखान।
शब्द खोलते भेद हैं, शब्द कराते ज्ञान।।
शब्द शब्द जुड़ सृजन कर, रचे गए सब ग्रंथ।
शब्द पढ़े तब ही मिले, मनवांछित निज पंथ।।
तेरी ये शब्दावली, बता रही तू कौन।
शब्द चयन कर बोलिए, वरना रहना मौन।।
पहले चिंतन कीजिए, शब्द कसौटी तौल।
शब्द लगा मरहम सकें, ऐसा ही कुछ बोल।।
सिल्ला मीठा बोल कर, हर ले सबकी पीर।
शब्दों को रख साध कर, शब्द बड़े गंभीर।।
-विनोद सिल्ला