” शब्द “
शब्दों की है अपनी सीमा ,
ज्यादा बयां ना कर पाउंगी ।
अंजाने लफ़्ज़ों के है सलीके अपने ,
हर बात लिख ना दिखा पाउंगी ।
समझ सको तो समझ लेना ,
वरना मैं करके भी दिखाउंगा ।
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली
शब्दों की है अपनी सीमा ,
ज्यादा बयां ना कर पाउंगी ।
अंजाने लफ़्ज़ों के है सलीके अपने ,
हर बात लिख ना दिखा पाउंगी ।
समझ सको तो समझ लेना ,
वरना मैं करके भी दिखाउंगा ।
? धन्यवाद ?
✍️ ज्योति ✍️
नई दिल्ली