शब्द शब्द में तेरा मेरा वर्णन
कलियों का गुलशन फूलों का चमन
और झीलें करे तुम्हारा अभिनंदन
सितारों की हो बारात नीलगगन कर ले वंदन
चंचल हवा ,नदी का किनारा ,
हरियाली वसुधा कर ले कुमकुम चंदन
पीछे छोड़ दी हमने जमाने की रुसवाईयां
तेरा मुझको मुझको तेरा समर्पण
सीता के राम राधा के श्याम
मेरी आंखों में तेरी सूरत तेरी आंखों में मेरी मूरत
ऐसा तेरा मेरा दर्पण
मोहब्बत की फिजाओं से चुराया है
बड़ी मुद्दतों से पाया है कि
हर शब्द शब्द में बस तेरा मेरा वर्णन
रचयिता मंगला केवट होशंगाबाद मध्य प्रदेश