शब्द मनुष्य के वश में होता है…
बोलने से पहले शब्द मनुष्य के वश में होता है,
लेकिन बोलने के बाद शब्द मनुष्य से आजाद हो जाता है ।
बोलने से पहले एक बार सोचना जरूरी हो जाता है।
बोलने से पहले शब्द मनुष्य के वश में होता है,
लेकिन बोलने के बाद शब्द मनुष्य से आजाद हो जाता है ।
बोलने से पहले एक बार सोचना जरूरी हो जाता है।