शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
छंद गीतों में पिरो दूँ मातु ब्राह्मी भान दो।।
कर्मयोगी मैं बनूँ री! है यही माँ कामना।
शौर्य गाथा मैं लिखूँ हो राष्ट्र मेरी साधना।।
नीलम शर्मा ✍️
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
छंद गीतों में पिरो दूँ मातु ब्राह्मी भान दो।।
कर्मयोगी मैं बनूँ री! है यही माँ कामना।
शौर्य गाथा मैं लिखूँ हो राष्ट्र मेरी साधना।।
नीलम शर्मा ✍️