शब्द – बूंद
जलकण में
जिंदगी समाहित
जीवनदाता ।
बूंद – बूंद से
संचित प्राण सुधा
तृप्त जीवन ।
तहसीलना
प्रकृति उपहार
नतमस्तक ।
चाहत बूंद
सर्वत्र सूखापन
अधर प्यासे ।
प्रत्येक बूंद
अनमोल रतन
बेशकीमती ।
बरसी बूंदें
टप टप टपके
छत छप्पर ।
संयुक्त बुंदें
भीषण हाहाकार
प्रलयंकारी ।
बूंदें बरसीं
सिंचित वसुंधरा
उम्मीद जगी ।
बूंद सलील
विकराल समुद्र
तहस नाश ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 24/05/2021 )