Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2021 · 1 min read

शब्द – दर्पण

दर्पण – शीशा
सर्वस्व उघाड़ता
सच दिखाता ।

शीशा – आरसी
सामने आर – पार
मिथ्यारहित ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 29/05/2021 )

Language: Hindi
364 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
तुलसी पूजन(देवउठनी एकादशी)
तुलसी पूजन(देवउठनी एकादशी)
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
Rj Anand Prajapati
■ शुभ देवोत्थान
■ शुभ देवोत्थान
*प्रणय*
त्यौहार
त्यौहार
Mukesh Kumar Sonkar
*पछतावा*
*पछतावा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
धड़कन से धड़कन मिली,
धड़कन से धड़कन मिली,
sushil sarna
मेरा प्यार
मेरा प्यार
Shashi Mahajan
होली
होली
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
"जुदा"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Dr. Rajeev Jain
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
आप खुद को हमारा अपना कहते हैं,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कुछ लोग होते है जो रिश्तों को महज़ इक औपचारिकता भर मानते है
कुछ लोग होते है जो रिश्तों को महज़ इक औपचारिकता भर मानते है
पूर्वार्थ
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जन्नत
जन्नत
जय लगन कुमार हैप्पी
तुझे स्पर्श न कर पाई
तुझे स्पर्श न कर पाई
Dr fauzia Naseem shad
THE FLY (LIMERICK)
THE FLY (LIMERICK)
SURYA PRAKASH SHARMA
बेरोजगारी के धरातल पर
बेरोजगारी के धरातल पर
Rahul Singh
*मैं और मेरी तन्हाई*
*मैं और मेरी तन्हाई*
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मेरी ज़िंदगी की हर खुली क़िताब पर वो रंग भर देता है,
मेरी ज़िंदगी की हर खुली क़िताब पर वो रंग भर देता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3260.*पूर्णिका*
3260.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महाकवि विद्यापति आ महारानी लखिमा देवी: प्रेम प्रसंग!
महाकवि विद्यापति आ महारानी लखिमा देवी: प्रेम प्रसंग!
Acharya Rama Nand Mandal
*पिता का प्यार*
*पिता का प्यार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
रिश्ते-आम कह दूँ क्या?
रिश्ते-आम कह दूँ क्या?
Pratibha Pandey
मंज़र
मंज़र
अखिलेश 'अखिल'
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Raju Gajbhiye
शब्दों के कारवाँ
शब्दों के कारवाँ
Kshma Urmila
तख्तापलट
तख्तापलट
Shekhar Chandra Mitra
गुरु तेगबहादुर की शहादत का साक्षी है शीशगंज गुरुद्वारा
गुरु तेगबहादुर की शहादत का साक्षी है शीशगंज गुरुद्वारा
कवि रमेशराज
Loading...