Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2021 · 1 min read

“शब्द की महिमा”

शब्द की महिमा है अप्रतिम,
शब्द से ही भाष्य है।
व्यक्त करते, भाव मन का,
शब्द से ही वाक्य है।।

शब्द से बनते कथानक,
शब्द से ही काव्य है।
यदि न आए समझ, तो,
ये कवि का ही दुर्भाग्य है।।

बेध देते हृदय को,
गर्जन, सदा परिहार्य है।
हो अगर नरमी ज़रा,
मधुरिम, सुधा, पर्याय है।

शब्द यदि होते होँ बोझिल,
वार्ता बेकार है।
मौन भी रहना कभीकर,
मित्रता का सार है।

वर्जनाएं टूटतीं,
अभिसार का आग़ाज है।
कुछ न कहना अब प्रिये,
“आशा”, प्रबल उद्गार है..!

——-//——-//——–//——–//——–//——–

रचयिता-

Dr.asha kumar rastogi
M.D.(Medicine),DTCD
Ex.Senior Consultant Physician,district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist,sri Dwarika hospital,near sbi Muhamdi,dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M.9415559964

Language: Hindi
Tag: गीत
25 Likes · 30 Comments · 859 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
"स्त्री के पास"
Dr. Kishan tandon kranti
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुर्सी
कुर्सी
Bodhisatva kastooriya
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
AE888 - Nhà Cái Nổi Bật Với Hệ Thống Nạp/Rút Linh Hoạt, Hệ T
AE888 - Nhà Cái Nổi Bật Với Hệ Thống Nạp/Rút Linh Hoạt, Hệ T
AE888
रात……!
रात……!
Sangeeta Beniwal
देखिए
देखिए "औरत चाहना" और "औरत को चाहना"
शेखर सिंह
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तुम्हारे दिल में इक आशियाना खरीदा है,
तुम्हारे दिल में इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वियोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
वियोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
Ajit Kumar "Karn"
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
Shweta Soni
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
Pramila sultan
"सच के खिलाफ विद्रोह करते हैं ll
पूर्वार्थ
कुछ लोग मुझे इतना जानते है की मैं भी हैरान हूँ ।
कुछ लोग मुझे इतना जानते है की मैं भी हैरान हूँ ।
Ashwini sharma
होली
होली
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
Rj Anand Prajapati
गर जानना चाहते हो
गर जानना चाहते हो
SATPAL CHAUHAN
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
*📌 पिन सारे कागज़ को*
*📌 पिन सारे कागज़ को*
Santosh Shrivastava
ट्रेन संख्या १२४२४
ट्रेन संख्या १२४२४
Shashi Dhar Kumar
दिन को रात और रात को दिन बना देंगे।
दिन को रात और रात को दिन बना देंगे।
Phool gufran
*** अरमान....!!! ***
*** अरमान....!!! ***
VEDANTA PATEL
हमको नहीं गम कुछ भी
हमको नहीं गम कुछ भी
gurudeenverma198
23/188.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/188.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गम की बदली बनकर यूँ भाग जाती है
गम की बदली बनकर यूँ भाग जाती है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
पंकज परिंदा
“सन्धि विच्छेद”
“सन्धि विच्छेद”
Neeraj kumar Soni
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
लक्ष्मी सिंह
जवानी
जवानी
अखिलेश 'अखिल'
Loading...