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15 Apr 2021 · 1 min read

शब्द और पद लघु कथा (कक्षा नौवीं और दसवीं के विद्यार्थियों के लिए)

शब्द और पद ( लघु कथा)
वर्ण और शब्द दोनों ही एक-दूसरे के गहरे मित्र थे। उनका घर भी पास-पास था । दोनों में गहरी दोस्ती का कारण यह भी था कि उन दोनों में कोई भी बुरी आदत नहीं थी ।
दोनों को ही स्वतंत्र रहना बहुत भाता था। यहाँ तक , दोनों के मित्र भी एक दूसरे को जानते थे। समाज में दोनों के अच्छे स्वभाव एवम् मित्रता की बहुत चर्चा होती थी। उन दोनों की मित्रता से उनका एक पड़ोसी जिसका नाम पद था बहुत चिढ़ता था। एक तो नाम पद (करेले) जैसा ऊपर से नीम चढ़ा अर्थात (स्वभाव भी बुरा होना) । वह दोनों की दोस्ती समाप्त करवाना चाहता था इसके लिए दिन-रात उपाय करता रहता था । एक दिन उसे किसी ने बताया कि शहर में एक पंडित जी जिनका नाम व्याकरण हैं । उनके पास सभी समस्याओं का हल हैं।
अगले ही दिन पद व्याकरण के पास गया और उसने कहा कि पंडित जी आप कुछ ऐसे नियम खोजे;जिसे वर्ण और शब्द दोनों ही मेरे अधीन हो जाए। व्याकरण ने कहा यह तो बायँ हाथ का काम है वर्णों को जोड़ दो तो शब्द बन जाएगा जब शब्द को व्याकरण के नियमों में बाँधकर वाक्य में प्रयोग कर दो तो वह पद बन जाएगा।देखा चुटकी बजाते ही मैंने उनको क्यों तुम्हारे अधीन कर दिया।
धन्यवाद
रजनी कपूर

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 594 Views
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