Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2021 · 1 min read

शब्दसृजन

शब्दसृजन
शब्द विलोम शब्द
सड़क राह ,संपर्क
माप अमाप ,छापा
आपदा अनापत्ति ,खुशी आपत्ति
व्यामोह तकदीर निर्मोह
बडवानल कामाग्नि दावानल ज्वाला
भँवर कूल ,किनारा

बवंडर भँवर अंधड

छंद मुक्त

नम थी रेत पाँव के नीचे ,चली जा रही उसी *राह आँख मींचे
छूट रही थी *छाप गहरी मरुथल में ,बह रही जल धार हो नीचे ।

न थी कोई *खुशी न थी *आपत्ति ,विस्मृत थी खुद से जैसे विपत्ति
*तकदीर से भी न लड सकी चाहते हुये ,छूट रही जैसे संपत्ति।

आतुर था मिलने को चातक सा मन दहक रही थी *मन *ज्वाला
चंचल स्त्रोत सी बही जा रही थी छूट रहा था हर वो *किनारा।

उत्ताल तरंगों से विचलित थी नभ की चपल तरंगिणि विद्युत रेखा
धूल भरे अंधड़ ने मानों धुंधलाकर दिया पथ सलोना अनदेखा

मनोरमा जैन पाखी
स्वरचित

Language: Hindi
1 Like · 184 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
Kanchan Alok Malu
बेकसूर तुम हो
बेकसूर तुम हो
SUNIL kumar
दो ही हमसफर मिले जिन्दगी में..
दो ही हमसफर मिले जिन्दगी में..
Vishal babu (vishu)
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे...
कवि दीपक बवेजा
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
Vijay kumar Pandey
भेंट
भेंट
Harish Chandra Pande
कोई भी इतना व्यस्त नहीं होता कि उसके पास वह सब करने के लिए प
कोई भी इतना व्यस्त नहीं होता कि उसके पास वह सब करने के लिए प
पूर्वार्थ
2838.*पूर्णिका*
2838.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
Sahil Ahmad
कभी-कभी हम निःशब्द हो जाते हैं
कभी-कभी हम निःशब्द हो जाते हैं
Harminder Kaur
बेटी परायो धन बताये, पिहर सु ससुराल मे पति थम्माये।
बेटी परायो धन बताये, पिहर सु ससुराल मे पति थम्माये।
Anil chobisa
भजलो राम राम राम सिया राम राम राम प्यारे राम
भजलो राम राम राम सिया राम राम राम प्यारे राम
Satyaveer vaishnav
दिल की हरकते दिल ही जाने,
दिल की हरकते दिल ही जाने,
Lakhan Yadav
नशे में फिजा इस कदर हो गई।
नशे में फिजा इस कदर हो गई।
लक्ष्मी सिंह
कछु मतिहीन भए करतारी,
कछु मतिहीन भए करतारी,
Arvind trivedi
सत्य असत्य से हारा नहीं है
सत्य असत्य से हारा नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
कितने भारत
कितने भारत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
शेर
शेर
Monika Verma
पता ना चला
पता ना चला
Dr. Kishan tandon kranti
पावस में करती प्रकृति,
पावस में करती प्रकृति,
Mahendra Narayan
👍 काहे का दर्प...?
👍 काहे का दर्प...?
*Author प्रणय प्रभात*
Dr arun कुमार शास्त्री
Dr arun कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
Ranjeet kumar patre
अपना घर किसको कहें, उठते ढेर सवाल ( कुंडलिया )
अपना घर किसको कहें, उठते ढेर सवाल ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
हे नाथ आपकी परम कृपा से, उत्तम योनि पाई है।
हे नाथ आपकी परम कृपा से, उत्तम योनि पाई है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
भूमि भव्य यह भारत है!
भूमि भव्य यह भारत है!
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
सपना देखना अच्छी बात है।
सपना देखना अच्छी बात है।
Paras Nath Jha
जय श्रीराम
जय श्रीराम
Pratibha Pandey
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
Shweta Soni
गुरुवर तोरे‌ चरणों में,
गुरुवर तोरे‌ चरणों में,
Kanchan Khanna
Loading...