शनैः शनैः ।
प्रेम की प्रतीक चूड़ियाँ बजें शनैः शनैः ।
सावनी फुहार पायलें बनें शनैः शनैः ।
राधिका ललाट कृष्ण केश हैं सँवारते,
वेणियाँ गुलाब-मोगरा सजें शनैः शनैः ।
छंद बंद गीत प्रीति रीति मैं लिखूँ सखी!
राधिका मुरार श्याम मीत मैं लिखूँ सखी!
नील आभ नंदलाल बाँसुरी बजा रहे,
मोर पंख माथ, वस्त्र पीत मैं लिखूँ सखी!
नीलम शर्मा ✍️