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12 Feb 2022 · 1 min read

शनि या भ्रम

एक शनि भक्त आया.
उसने जय शनि महाराज,
कहा,
और आपके घर के बाहर.
दुकान के बाहर.
एक नींबू सात हरीमिर्च,
एक धागे में पीरो कर बांध दिया.
.
आपकी शनि दृष्टि सीधे हो या न हो.
वह दस रूपये लेकर.
अपना शनि उतार गया.
.
इसी बहम में टीपू सुल्तान गये.
रहे भेद से अनजान,
प्रजा में बांट दिया.
खुश किये बहमण.
छोड़ सब अभिमान.

महेन्द्र भारतीय (हंस)

Language: Hindi
4 Likes · 7 Comments · 404 Views
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