*शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया (राधेश्यामी छं
शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया (राधेश्यामी छंद)
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शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया
काल खड़ा सम्मुख था लेकिन, वह एक चोंच पर इतराया
बस एक चोंच के बल पर ही, पापी को उसने ललकारा
मर कर जटायु रण जीत गया, पापी जीता फिर भी हारा
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451