Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Nov 2023 · 1 min read

‘शत्रुता’ स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज

‘शत्रुता’ स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना जाए|

‘सिद्धांत’ सतीश

1 Like · 184 Views

You may also like these posts

"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
मंजिल की तलाश
मंजिल की तलाश
Deepali Kalra
जब कैमरे काले हुआ करते थे तो लोगो के हृदय पवित्र हुआ करते थे
जब कैमरे काले हुआ करते थे तो लोगो के हृदय पवित्र हुआ करते थे
Rj Anand Prajapati
जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑
जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
तेरे इकरार का बहुमत चाहिए
तेरे इकरार का बहुमत चाहिए
Harinarayan Tanha
जैसे तुम कह दो वैसे नज़र आएं हम,
जैसे तुम कह दो वैसे नज़र आएं हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2904.*पूर्णिका*
2904.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ
माँ
Dr.Pratibha Prakash
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
Ranjeet kumar patre
* प्रेम पथ पर *
* प्रेम पथ पर *
surenderpal vaidya
No amount of regret changes the past.
No amount of regret changes the past.
पूर्वार्थ
बाण माताजी
बाण माताजी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
सृजन स्वयं हो
सृजन स्वयं हो
Sanjay ' शून्य'
संघर्षों की
संघर्षों की
Vaishaligoel
"घमंड के प्रतीक पुतले के जलने की सार्थकता तब तक नहीं, जब तक
*प्रणय*
छत्रपति वीर शिवाजी जय हो 【गीत】
छत्रपति वीर शिवाजी जय हो 【गीत】
Ravi Prakash
रिश्तों का असंतुलन
रिश्तों का असंतुलन
manorath maharaj
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
समझदार व्यक्ति जब संबंध निभाना बंद कर दे
शेखर सिंह
आ थू
आ थू
Acharya Rama Nand Mandal
अपना गॉव
अपना गॉव
MEENU SHARMA
अंधी पीसें कुत्ते खायें।
अंधी पीसें कुत्ते खायें।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
जग अंधियारा मिट रहा, उम्मीदों के संग l
जग अंधियारा मिट रहा, उम्मीदों के संग l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
गीत
गीत
Jai Prakash Srivastav
दिवाली क्यों मनाई जाती है?
दिवाली क्यों मनाई जाती है?
Jivan ki Shuddhta
काला धन काला करे,
काला धन काला करे,
sushil sarna
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Lokesh Sharma
एक आकार
एक आकार
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
दिल को सिर्फ तेरी याद ही , क्यों आती है हरदम
दिल को सिर्फ तेरी याद ही , क्यों आती है हरदम
gurudeenverma198
वो अपने दर्द में उलझे रहे
वो अपने दर्द में उलझे रहे
Sonam Puneet Dubey
उलझनें
उलझनें
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
Loading...