शक्ति दो माते शक्ति दो ।
हे जगत जननी नवदुर्गे !
अपनी असीम शक्ति को ,
आज की नारियों में विभाजित कर दे।
ताकि अपने साथ हो रहे नित्य प्रति,
अन्याय ,अनाचार ,घरेलू हिंसा ,
कन्या भ्रूण हत्या ,लैंगिक भेदभाव ,
इत्यादि का बदला स्वयं ले सके ।
क्योंकि अब कोई कान्हा नहीं आयेंगे ,
किसी द्रोपदी की लाज बचाने ।
अब कोई श्री राम भी नहीं आयेंगे ,
सीता को किसी रावण से बचाने ।
अब अपनी लाज और आत्म सम्मान ,
की रक्षा खुद ही करनी होगी ।
हे माता ! दया करो ! अपनी शक्ति का संचार कर दो ।