शक्तिहीनों का कोई संगठन नहीं होता।
शक्तिहीनों का कोई संगठन नहीं होता।
कायरों का भी कोई वतन नहीं होता।।
पेट के खातिर ही, जो भी जीने वाले हैं।
अंत में तन पे उनके कफ़न नहीं होता।।
जय हिंद
शक्तिहीनों का कोई संगठन नहीं होता।
कायरों का भी कोई वतन नहीं होता।।
पेट के खातिर ही, जो भी जीने वाले हैं।
अंत में तन पे उनके कफ़न नहीं होता।।
जय हिंद