शंकर छंद
शंकर छंद में शंकर जी स्तुति
मात्रा २६ , यति १६ – १०, पदांत गुरु लघु.
[विषम चरणांत के लिए कोई विशेष नियम नहीं]
(शंकर छंद में शंकर जी की स्तुति-
बम-बम हरिहर जय शिवशंकर, नम: श्री सर्वेश |
विध्न विनाशक नाम विनायक,गणपति श्री गणेश ||
जग की माता जय जगदम्बा, पार्वती माँ नाम |
कार्तिकेय परिवार हिमालय , नम: श्री यह धाम ||
मुक्तक हेतु- (नम: श्री गिरजेश )
डमरू डम-डम बम-बम बोले , हैं त्रिलोचन एक |
चमचम चमके चन्द्र भाल पर , गँगोत्री है नेक ||
त्रिशूल जटा मृग छाला भस्म , अनुपमा शृंगार |
जय जय पशुपति नाथ तुम्हारी , हे रुद्र अवतार ||
मुक्तक हेतु- (हो रुद्र तुम एक )
सृजन -सुभाष सिंघई
एम•ए• हिंदी साहित्य , दर्शन शास्त्र
जतारा (टीकमगढ़) म०प्र०