Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2020 · 1 min read

वफ़ादारी

न तो ज़मीर बेचा न ही गिरने दिया,
तन्हा अपने आपको मग़र रहने दिया,
वफ़ा की खुश्बू ने मुझे तालीम किया,
पर जिस्म को हकीकत में रहने दिया,
सबको समझा अपना पराया तो नहीं,
जरूरत पड़ी मुझे कोई आया तो नहीं,
मलाल नहीं इसका मेरे साथ वह नहीं,
उसका साथ किसी ने निभाया तो नहीं,

Language: Hindi
2 Comments · 515 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अखिलेश 'अखिल'
View all
You may also like:
परिस्थितियों को चीरते हुए निकल जाओ,
परिस्थितियों को चीरते हुए निकल जाओ,
Ajit Kumar "Karn"
"राष्ट्रपति डॉ. के.आर. नारायणन"
Dr. Kishan tandon kranti
संकोची हर जीत का,
संकोची हर जीत का,
sushil sarna
3371⚘ *पूर्णिका* ⚘
3371⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Beautiful & Bountiful
Beautiful & Bountiful
Shyam Sundar Subramanian
चाँद को चोर देखता है
चाँद को चोर देखता है
Rituraj shivem verma
एक तेरे चले जाने से कितनी
एक तेरे चले जाने से कितनी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दूध वाले हड़ताल करते हैं।
दूध वाले हड़ताल करते हैं।
शेखर सिंह
इश्क़ के नाम पर धोखा मिला करता है यहां।
इश्क़ के नाम पर धोखा मिला करता है यहां।
Phool gufran
सुखद गृहस्थी के लिए
सुखद गृहस्थी के लिए
Sonam Puneet Dubey
रातें भी कटी हैं करवट बदलते हुए,
रातें भी कटी हैं करवट बदलते हुए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अगर पात्रता सिद्ध कर स्त्री पुरुष को मां बाप बनना हो तो कितन
अगर पात्रता सिद्ध कर स्त्री पुरुष को मां बाप बनना हो तो कितन
Pankaj Kushwaha
********* कुछ पता नहीं *******
********* कुछ पता नहीं *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से
दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से
कवि दीपक बवेजा
The darkness engulfed the night.
The darkness engulfed the night.
Manisha Manjari
नारी के चरित्र पर
नारी के चरित्र पर
Dr fauzia Naseem shad
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तन्हा
तन्हा
अमित मिश्र
POWER
POWER
Satbir Singh Sidhu
प्रेम पल्लवन
प्रेम पल्लवन
Er.Navaneet R Shandily
धधको।
धधको।
पूर्वार्थ
लोकतंत्र का महापर्व
लोकतंत्र का महापर्व
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
*मित्र*
*मित्र*
Dr. Priya Gupta
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
जा रहे हो तुम अपने धाम गणपति
विशाल शुक्ल
*The Bus Stop*
*The Bus Stop*
Poonam Matia
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
🙅सावधान🙅
🙅सावधान🙅
*प्रणय प्रभात*
मुझको आँखों में बसाने वाले
मुझको आँखों में बसाने वाले
Rajender Kumar Miraaj
Loading...