वक़्त
माना वक़्त का तकाजा है
कोई पूरा है तो कोई आधा है
वक़्त अपने वक़्त पे भले न बदले
मैं इसे बेवक्त बदलूँगा मेरा वादा है
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
माना वक़्त का तकाजा है
कोई पूरा है तो कोई आधा है
वक़्त अपने वक़्त पे भले न बदले
मैं इसे बेवक्त बदलूँगा मेरा वादा है
-सिद्धार्थ गोरखपुरी