वक़्त हमारे भी हो जाना
गीत
वक़्त सुनो हमने ये माना
मुश्किल पार तुम्हारा पाना
फिर भी एक प्रार्थना तुम से
कभी हमारे भी हो जाना
वक़्त हमारे भी हो जाना
हुई न सुख की छाया हम पर
केवल दुख का साया हम पर
हम तो हँसना भूल चुके हैं
साथ बिठाकर हमें हँसाना
वक़्त हमारे भी हो जाना
पल में तोला पल में माशा
आशा हो तुम कभी निराशा
है बलवान न तुम सा कोई
मोल तुम्हारा कब पहचाना
वक़्त हमारे भी हो जाना
बोझ बड़ा है दिल पर भारी
उमर बिताई यूँ ही सारी
जीवन मीत हमारे बनकर
हाथ हमारी ओर बढ़ाना
वक़्त हमारे भी हो जाना
24.05.2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद