Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2018 · 1 min read

“वक़्त सबकी औक़ात बताता है”

वक़्त भी ना जानें ज़िन्दगी में क्या क्या करवाता है
दूर तलक ले जाकर फ़िर वापस ले आता है

चन्द दिन के मेहमां होते हैं सब,मौत से अनजां होते हैं
वक़्त इक़ इक़ करके, सबकी औक़ात बताता है

कोई दौलत पे गुमाँ करता है कोई शौहरत पे करता है
सब कुछ रह जाता है यहीं, कौन साथ ले जाता है

कोई तेरा मेरा कर यूँ ही वक़्त ज़ाया कर देता है फज़ूल
कोई बनकर मग़रूर जाने कितनों को सताता है

भूल जाता है घर ख़ुदा का, ग़ुरूर में अँधा हो जाता है
नहीं गिनता गुनाह, कि उसका भी बहीखाता है

कोई जाति पर इतराता है, कोई मज़हब पर इतराता है
इस दुनियां में भला कहाँ हर इक़ इंसानियत पाता है

बुढ़ापा क़रीब आता है,पिछला सब सामने आ जाता है
वक़्त भी ना जानें ज़िन्दगी में क्या क्या करवाता है

____अजय “अग्यार

389 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" गम "
Dr. Kishan tandon kranti
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....
Dr. Narendra Valmiki
*जीवन सिखाता है लेकिन चुनौतियां पहले*
*जीवन सिखाता है लेकिन चुनौतियां पहले*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हो जाता अहसास
हो जाता अहसास
surenderpal vaidya
दिल होता .ना दिल रोता
दिल होता .ना दिल रोता
Vishal Prajapati
भाग्य प्रबल हो जायेगा
भाग्य प्रबल हो जायेगा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से
झूठ का आवरण ओढ़, तुम वरण किसी का कर लो, या रावण सा तप बल से
Sanjay ' शून्य'
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
Atul "Krishn"
पिछले पन्ने 7
पिछले पन्ने 7
Paras Nath Jha
कवि -प्रेयसी
कवि -प्रेयसी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
जीवन में कोई भी युद्ध अकेले होकर नहीं लड़ा जा सकता। भगवान राम
Dr Tabassum Jahan
एक अरसा हो गया गाँव गये हुए, बचपन मे कभी कभी ही जाने का मौका
एक अरसा हो गया गाँव गये हुए, बचपन मे कभी कभी ही जाने का मौका
पूर्वार्थ
एक तरफ मां के नाम पर,
एक तरफ मां के नाम पर,
नेताम आर सी
जिन्दगी में बरताव हर तरह से होगा, तुम अपने संस्कारों पर अड़े
जिन्दगी में बरताव हर तरह से होगा, तुम अपने संस्कारों पर अड़े
Lokesh Sharma
हिम बसंत. . . .
हिम बसंत. . . .
sushil sarna
पुस्तक समीक्षा- राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा- राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भूल
भूल
Neeraj Agarwal
खेल
खेल
*प्रणय*
4172.💐 *पूर्णिका* 💐
4172.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ज़माने से मिलकर ज़माने की सहुलियत में
ज़माने से मिलकर ज़माने की सहुलियत में
शिव प्रताप लोधी
खतडु कुमाउं गढ़वाल के बिच में लड़ाई की वजह या फिर ऋतु परिवर्तन का त्यौहार
खतडु कुमाउं गढ़वाल के बिच में लड़ाई की वजह या फिर ऋतु परिवर्तन का त्यौहार
Rakshita Bora
और क्या कहूँ तुमसे मैं
और क्या कहूँ तुमसे मैं
gurudeenverma198
तीर'गी  तू  बता  रौशनी  कौन है ।
तीर'गी तू बता रौशनी कौन है ।
Neelam Sharma
You are the sanctuary of my soul.
You are the sanctuary of my soul.
Manisha Manjari
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
Ashwini sharma
बदनसीब लाइका ( अंतरिक्ष पर भेजी जाने वाला पशु )
बदनसीब लाइका ( अंतरिक्ष पर भेजी जाने वाला पशु )
ओनिका सेतिया 'अनु '
*******खुशी*********
*******खुशी*********
Dr. Vaishali Verma
जिंदगी बिलकुल चिड़िया घर जैसी हो गई है।
जिंदगी बिलकुल चिड़िया घर जैसी हो गई है।
शेखर सिंह
ईश्वर शरण सिंघल मुक्तक
ईश्वर शरण सिंघल मुक्तक
Ravi Prakash
स्त्री
स्त्री
Shweta Soni
Loading...