वक़्त के आगे भाग युवा
तज नींद को अब तू जाग युवा
अपने अधिकार को मांग युवा
जीवन में कुछ करना है तो
वक़्त के आगे भाग युवा
सागर की लहर को मोड़ दे तू
पर्वत का सीना तोड़ दे तू
खीच गगन को धरती पर
पूरब- पश्चिम को जोड़ दे तू
कुछ पाने की ख्वाहिश है तो
कर त्याग युवा,कर त्याग युवा
जीवन में कुछ करना है तो
वक़्त के आगे भाग युवा
आजाद और बिस्मिल बन जा
भारत माता का दिल बन जा
बन भगत सिंह चढ़ सूली पर
तू भक्ति के काबिल बन जा
छोड़ मोहब्बत के नग्मे
गा इंकलाब का राग युवा
जीवन में कुछ करना है तो
वक़्त के आगे भाग युवा
एक आस का दीप जला दे तू
अँधियारा दूर भगा दे तू
हर आँख टिकी है अब तुझ पर
सबके सपनो को जिला दे तू
बहरों को सुनाई दे जाए
ऐसा एक गोला दाग युवा
जीवन में कुछ करना है तो
वक़्त के आगे भाग युवा