वक़्त की खामोश नजरें, कर रही कुछ आरज़ू… !!
वक़्त की खामोश नज़रे कर रही कुछ आरज़ू,
क्या करें, कैसे बताये, दिल की क्या है जुस्तजू..!
दिल दीवाना, मन बेगाना हो रहा है हूबहू,
नैनो मे बारिश, और एक सिफारिश हो रही है हूबहू… !
वक़्त की खामोश नज़रे कर रही कुछ आरज़ू….. !!
तेरी वफ़ा से कुछ शिकायते होने लगी है जाने क्यूँ,
क्या है तुझसे नाता मेरा, कैसे कहूँ, किससे कहूं,,, !
यूँ जो मेरी बन गयी हो तुम,
कोई अलग समझें भी क्यूँ,
वक़्त की खामोश नज़रे, कर रही कुछ आरज़ू…. !!$!!