व्यवस्था पर चोट
नफ़रत की
आग में पूरा देश
मज़हब की
आग में पूरा देश
अब जलने को
तैयार है…
बिछा हुआ
चारों ओर बारूद
फैला हुआ
चारों ओर बारूद
बस तिल्ली की
दरकार है…
मजदूर पीटे
किसान पीटे
बूढ़े पीटे
जवान पीटे
कितनी ज़्यादा
बेरहमी से
मेहनतकश
इंसान पीटे
इसे चीखें
क्या सुनाई देंगी
यह बहरों की
सरकार है…