व्यथा ..निम्न मध्यम वर्ग की
व्यथा …मध्यम वर्गीय की..
मै निम्न मध्यम वर्गीय परिवार का
एक कमाउ ….पर लगता है
बेरोजगार युवक हूं
कमाता इतनी हूं कि पेट भर सकूं
पर लाचार ऐसा हूं कि
बता नसकूं …
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बात शिछा की हो तो
कर्ज ले आता हूं
नन्हो का कल सुनिश्चित करने को
भूखा तक सो जाता हूं
फिर भी मंहगी शिछा के आगे बेबस हो जाता हूं
सब कुछ दॉव पर लगा कर भी
उच्च डिग्री नही दे पाता हूं
बस! वही बेरोजगार साबित हो जाता हूं ….
रेल भत्ता की बात पर
अनमना सा होजाता हूं
एसी बिना सफर की
कल्पना से भी डर जाता हूं
कभी कभी हवाई यात्रा को
भी मजबूर हो जाता हूं
न निम्न वर्ग कहलाता हूं
न उच्च वर्ग छू पाता हूं
बस वही ढेर होजाता हूं
सचमुच बस वही
बेरोजगार साबित हो जाता हूं
बात बीमारी की हो
तो इलाज मे सब कुछ दॉव पर लगा आता हूं
बुजुर्गो का उच्च कोटि का
इलाज करवाता हूं
चेक अप कराते कराते
अक्सर फटेहाल हो जाता हूं
डाक्टर की फीस और दवाइयो के पीछे
स्वयं बीमार सा हो जाता हूं
कुछ हद तक कंगाल सा हो जाता हूं
हॉ सचमुच तब बेरोजगार साबित हो जाता हूं
नीरा रानी……